Mohabbat

"Mohabbat bhi Zindagi ki tarah hoti hai
Har mod asaan nehi hota, har mod pe khushiya nehi milti.
Jab hum zindagi ka saath nehi chhodte toh
Mohabbat ka saath kyun chhode??
---Mohabbatein
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2020-01-22

The Movie "96...My feelings With The Flow


96 मूवी का जब ट्रेलर आया था तभी लोगो ने इसे काफी पसंद किया, मेंने ट्रेलर नही देखा क्यूँ की मेरे लिए पोस्टर ही काफी था, बिजय सेथुपथी और तृषा जी...लगभग दो साल पहले मेंने पहली बार विजय जी का मूवी देखा था तभी से वो मेरे फेवरिट बन गए, उसके बाद से मुझे जब भी मौका मिला में उनकी मूवीस देखता  रहा, बहुत हे Natural and Sponteneous Acting करते है वो । और तृषा जी के बारे मे किया कहे ...सच कहू तो उन्हे देखके “दीदी” बुलाने का दिल करता है, कितनी Cute  है , इतनी Cute है के वक़्त के साथ उनकी उम्र तो बरती ही जा रही है पर चहरा देखके अंदाज़ा लगाना बहुत ही मुश्किल है ।



तो , ट्रेलर निकलने के कुछ दिन बाद मूवी भी रिलीस हो गई और इधर में बातो  बातो  मे मूवी के बारे मे पूरा भूल ही गया था, फीर एक दिन देखा के लोगो ने इस मूवी को इतना पसंद किया और इतनी तारीफ की के वो Twitter पे ट्रेंड करने लगा , फीर मेंने सोचा यह मूवी तो मुझे देखना था और फीर बातो बातो मे भूल गया। फीर एक दिन जब मे दोपहर के खाना खाने के बाद Youtube सर्च कर रहा था तो मुझे वहा  पे 96 मूवी दिख गया, में तो खुशी से डगमगा उठा और उसे Play कर दिया ।



आज में यह Share करनेवाला हूँ के मूवी के साथ साथ  मेरे Feelings कैसा रहा...
मूवी प्ले करने के बाद यह समझने की कौशीस कर रहा था की मूवी का प्लॉट किया  है,  जब विजय जी के स्टूडेंट्स सेलफ़ी ले रह थे तब भी जिस तरह उन्होने Capture के वक़्त ही खुद की मुह को ढक दिया तो में चौकन्ना हो गया...कुछ तो बात है
फीर वो पहुँच  गये  अपने पुराने स्कूल , जब चाए के दुकान पे दुकानदार ने पूछा “यहा आना कैसे हुआ ?” तब जवाब देते देते विजय जी थोड़ा Absent minded हो गए ...और मेरा मन कहने लगा, ज़रूर कुछ बात है ।




फीर वो स्कूल के अंदर आए और “Roll of Honour” board की और देख रहे थे और फीर जब उन्होने कहा “के रमाचन्द्रन, में हूँ “, सच कहू दिल को छु गया , एक 40 साल का इंसान जिस तरह एक स्कूल स्टूडेंट की तरह बोले ...पूरा कैरक्टर मे घुस गए थे वो ।



चलिये अब असली बात पे आते है ...एक कहानी कह लीजिये या  फीर एक सच्चाई ...
जब 96 Batch की ग्रुप फोटो को Enlarge  करके वो देख रह थे तब भी मुझे यह समझ मे नही आया था के यह एक लव स्टोरी है, पर जब Reunion मे उनके  दोस्त उस “चोथे” इंसान के बारे मे बता नही रह थे तब समझ गया यह एक लव स्टोरी है, पर तब तक में यह नही जानता था के आगे मुझे चौकानेवाले इतनी सारी  बाते है....
फीर मूवी का असली पार्ट आया और मेंने सोचा ...आरे ऐसी लव स्टोरी तो बहुत ही Common है, चलो देखते है , पर मन मे एक बात चल रही थी ...विजय जी है, मतलब कुछ तो बहुत ही शानदार प्लॉट होगा ।  


पहला धक्का मुझे तब लगा जब ...जानु के छूने से रामा बेहोश  हो गया 


आरे यार, डाइरेक्टर साब को राहुल की लव स्टोरी किसने बाता  दी ?







मुझे याद है ...उन दीनो राहुल ने कसम  खाया था , अगर हाथ मिलाऊँगा पहली बार किसी लड़की से तो वो लड़की टीना ही होगी , उन दीनो टीना के साथ उसका दूर दूर तक कोई रिश्ता नही था , फिर बरसो बाद एक दिन मौका मिल ही गया, हाथ मिलाते वक़्त  राहुल का चहरा पसीने से भर गया था , इतना Nervous फील कर रहा था वो के किया बताए, खड़ा रहने मे उसे मुश्किल हो रहा था । 



और एक दिन का किस्सा हैराहुल और टीना घूमने के बाद घर लौट रह थे ,तब टीना ने राहुल को हल्के से डांट दिया था किसी बात के लिए , राहुल रास्ते पर ही रोने लगा, फीर रात को जब दोनों फोन पे बाते कर रहे थे तो टीना ने कहा था “मेंने थोड़ा सा डांट किया दिया तुम रोने लगे ??? तुम बिलकुल एक बच्चे जैसा हो “
मूवी चलता  रहा और में देखता गया, फीर जब मेंने देखा के जानु के सामने जाते ही रामा की हवा निकल जाती है तो मेरे दिल मे फिर से खयाल आया ...


डाइरेक्टर साब को राहुल की प्रेम कहानी किसने बता दी ?


वैसे तो राहुल डरता किसीसे नही था पर टीना के सामने बिलकुल खामोश, टीना ही  इधर उधर की बाते करता था। 


एक दिन का किस्सा है...उस दिन हर रोज़ की तरह राहुल शाम को टीना के घर के पास से गुज़र रहा था इस उम्मीद से के टीना Balcony  मे दिख जाये, Balcony बहुत दूर से नज़र आता था, राहुल ने देखा  तो टीना वहा नही थी, वो नजदीक जाता रहा और फिर अचानक टीना Balcony मे आ गयी और इधर Nervousness  के मारे राहुल साइकल से गिर गया ।



वैसे तो प्यार बहोत सारे लोग करते है लेकिन कुछ ऐसे किस्से भी होते है जिनहे लोग बरसो तक नही भूलते , सब यही जवाब ढूंड्ते रहते है के...वो दोनों बिछर कैसे गए ? यह तो नामुमकिन था फीर भी मुमकिन हो गया ? राहुल टीना को छोड़ दे या फीर टीना राहुल को छोड़ देगी ऐसी  खयाल कभी भी किसी के दिमाग मे नही आया होगा और वैसा हुआ भी नही था ...



मूवी मे रामा को मजबूरन जानु से दूर जाना परा था और इधर राहुल को मजबूर किया गया था टीना से दूर रहने के लिए । 



रामा ने कौशीस की थी जानु से मिलने की ...राहुल ने भी की थी पर दोनों ही जगह कुछ गलतफहमियों के चलते दोनों की मुलाकात नही हो पाई ।


बात यही पर खतम नही होती...जैसे  मूवी मे जानु  की  Husband  को दिखाया नही  गया है वैसे ही रामा को यह पता नहे के टीना के Husband कौन है, किया करता है, कैसा दिखता है ...है ना  अजीब ???


फीर रामा ने जब टीना को वो कविता सुनाया ...उसकी पहली कविता जो जानु  के लिए लिखा था तो मुझे एक और बड़ा  झटका लगा...राहुल ने भी पहले बार कविता लिखा था वो भी टीना को ले कर ।



और एक सच्चाई सुन लीजिये ...जैसे रामा Travel Photographer है वैसे ही राहुल भी काफी दिलचस्पी रखता है Photography मे और अभी पिछले कुछ साल से इसी कौशीस मे है एक Travel Photographer बन जाये ।



लीजिये और एक चौकानेवाला बात कहते है...जैसे रामा सोश्ल मीडिया से दूर है वैसे ही राहुल भी लगभग बारा साल तक सोश्ल मीडिया से दूर था ।






 सब से बड़ा झटका तो तब लगा जब  ...जानु के शादी के बात से रामा के साथ उसकी मुलाक़ात नहे हुई Reunion से पहले , रामा को पता भी नहे था के टीना कहा है और कैसी  हालत मे है ...इधर टीना के शादी के बाद से राहुल के साथ भी उसके मुलाकात नही हुई एक वक़्त तक और राहुल को भी पता नही  था के टीना कहा है और कसी है ...फिर एक दिन, टीना के शादी के पूरे दस साल बाद अचानक राहुल ने टीना को देखा रास्ते पे...कमाल की  बात तो यह है के रामा और जानु जब बाइश साल बाद मिले तब रामा ने जानु की  बेटी के बारे मे जाना और इधर राहुल ने जब दस साल बाद टीना को देखा तब टीना की बच्चे के बारे मे जाना ,बच्चा टीना के साथ ही था ... इतनी सारी coincidences? वैसे राहुल और टीना(शादी से पहले ) एक ही शहर के रहनेवाले है... अब कहो दोस्तो मुझे क्यूँ ना  लगता के राहुल की लव स्टोरी डाइरेक्टर साब को किसने बताया ?



इधर मूवी मे रामा के स्टूडेंट्स सोचते थे सर ने कभी प्यार नही किया होगा और जब पतह चला तो उनकी प्रेम कहानी जानु से सुना ...इधर राहुल के स्टूडेंट्स भी सोचते थे राहुल ने कभी प्यार नही किया होगा और जब पता  चला तो हैरान रह गया(वैसे राहुल ने सिर्फ एक ही स्टूडेंट को अपनी प्रेम कहानी बताई है पर टीना कहा से है और कैसी  दिखटी  है यह नही बताया) 



इधर मूवी मे रामा की बहन है , इधर राहुल की भी 


फर्क सिर्फ इतना है ...के दस साल बाद जब राहुल और टीना आमने सामने थे तब भी राहुल उतना ही Nervous हो गया था जैसे पहले होता था पर टीना ने उससे बात नही की ...राहुल ने भी बात करने की कौशीस नही की ...अब वो किसी और की अमानात है...में तो गुज़रा हुआ कल हु और कल को पीछे छोड़ देना ही बहतर है ...ऐसा राहुल ने कहा था मुझसे । 


जब जानु वापस सिंगापूर चली गई तो अपनी ड्रेस ले जाना भूल गई और रामा ने बहुत ही संभाल कर उसे पुरानी यादों के साथ रख दिया ...राहुल ने कई बार कहा था मुझसे ...उसकी  वो लाल रंग की सलवार अगर मुझे दे जाते तो अच्छा होता ना ????
और एक चौकानेवाले बात कहे...जैसे रामा ने टीना से जुड़ी सारी  यादें आज भी संभाल के रखा है, उसी तरह राहुल भी टीना से जुड़ी सारी यादे  आज भी बहुत ही संभाल  के रखा है

सुना था मूवीस रियल लाइफ स्टोरीस से ही बनती है  पर 96 मूवी मे इनती सारी Co incidents मुझे चौका दिया ...16 साल से भी ज़्यादा हो गया राहुल और टीना को बिछड़े हुए , उन दोनों की कहानी भी स्कूल डेज़ मे ही सुरू हुआ था और वही पे दोनों बिछड़ गये ।वैसे तो मूवीस मे ऐसी कहनीया अछी लगती है पर रियल लाइफ मे रामा जैसे लोगो को “बेवकूफ” कहा जाता है ...मूवीस मे तारीफ मिलती है और रियल लाइफ मे लोग हँसते है रामा जैसे लोगो पर ...


उधर दो Decades गुज़र गए थे और इधर एक कबका गुज़र गया ....



मेंने एक बार अपनी  एक Shayri मे लिखा था
किसि को उम्रभर चाहना अगर पागलपन है
तो फीर
वफा किया है ?



अजीब बात तो यह है ...के प्यार मोहब्बत  या  फीर किसी भी Relation धोका धड़ी  करनेवालों को लोग बुरा इंसान कहते है और रामा जैसे लोगो पर हँसते भी है ।

आखिएरकार येही कहना चाहूँगा के अब मुझे यह मत पुछना के...राहुल और टीना की सारी की सारी बाते मुझे कैसे पता 




मूवी का म्यूजिक और डाइरैक्शन दिल को छु गया....और दो छेजे बहुत अछे लगी
एक, Casting Director ने किया खूब कास्टिंग की है...Young Subhasini and Present Subhasini are so similar in looks.


दूसरी ...स्कूलवाला “रामा”(I searched for his name but did not get) ने बहुत खूब एक्टिंग की है, Expressions दिल को छु गया ।
मूवी देखने के बाद बस सिर्फ एक ही खयाल आया दिल मे...किया टीना ने ये मूवी देखी है ???????????






“This post is a part of ‘DECADE Blog Hop’ #DecadeHop organised by #RRxMM Rashi Roy and Manas Mukul. The Event is sponsored by Glo and co-sponsored by Beyond The Box, Wedding Clap, The Colaba Store and Sanity Daily in association with authors Piyusha Vir and Richa S Mukherjee”


My twitter handle @thejyotirmoy











2019-04-23

Ultraviolet Rays...Half Fiction #BlogchatterA2Z


We can’t control the memories those haunt without any alarm, the problem lies in the psychological level…where we can control our conscious mind but unconscious and subconscious minds are totally out of our reach.


This is something happened that day with Tina…


After taking bath around 11:30 am, her childhood habit which she is continuing till now, she visited the balcony to hang the wet clothes, this was nothing new in her life style but that day she noticed a kid from her colony practicing cycle there and the biggest fault she made by knocking him

…what are you doing Shantu?

Following the sound he looked upside and after a search he found Tina there

…practicing cycle Aunty, where is Indu?

…she is in school.

After taking a safe side in the road noticing the bike coming from the front side he asked

…what are you doing in the balcony Aunty?

…Enjoying the sun rays.

…don’t stay for long; you know my parents say that sunrays contain ultraviolet rays which are very harmful for our skin and hair.

Replying him with a smile Tina entered in the dining being lost in her thoughts….


Going outside home during morning even after completing the study was not in the habit of Rahul during the holidays, ultraviolet rays were not the reason rather he used to maintain a very disciplined life, exercise after the study was mandatory in his lifestyle and he never used to compromise with it, even his friends were well acquainted with it.


That day, Rahul was alone in his house, his parents visited one of their relatives house to attend an invitation, he informed Tina earlier night during their conversation and requested repeatedly “If you can manage then surely call me in between 10am-2pm”. After taking the bath Tina noticed her mom was going to take bath, so getting the opportunity she dialed Rahul’s number

…hello

…it’s me, what are you doing?

…just competed bathing, you?

Same her, by the way, from when you are taking bath around 11:30am...Tina intentionally asked the question though she knew the reason full well.

Rahul was silent, Tina realized he was smiling.

…look, I can’t talk for long time; Mom can come out from bathroom anytime.

…will you talk to me toady night?

This same question Rahul used to ask frequently whenever they used to meet.

…yah, sure…

…ok, that’s enough.

…look, I have to stop the conversation now.

…One last question, what will you do now?

…I will visit the terrace to dry my hairs under the sunrays, its winter na.
After a minute she visited the terrace and stood in the north side so that she can see the passersby in the front lane and what she expected did take place approx. after five minutes, Rahul was there in his cycle, was looking at her. Tina replied with a smile.

After the lunch when Tina found her Mom is busy in daily shop she looked at the lock, 1:10Pm that means she still have fifty minutes to make proper use and dialed Rahul’s number, when he picked up, Tina asked in an angry voice

…what were you doing in front of my house around in the mid noon?

…there will be a beautiful view at that time, I came to know about it, I wanted to cherish that, it’s simple.

…yah, really? So what did you see?
Pic Courtesy :Google

…some black hairs flying in the air being attached with a elegant face and being taken care with one beautiful hand, actually you know, I got the news that an angel will land in earth at that time in that terrace.
This is what Tina never understood, Rahul hardly used to call her with her name, after two months of their patch up sometime Tina felt that her nick name is “Angel”

…so, you saw that angel?

…yes, I saw her.

…and why she is angel? People say that angels are beautiful and you never realized why people call me “A beautiful girl”, do you know what “beauty” is?

… Your words are “beauty”, your smile, your voice, the way you look back, your walk, your steps, your anger, your attitude all these are beauty.

Crazy boy, sometime Tina tried to search the reason why this boy has fallen in love with me when he has never marked her as a “beautiful one”, she intentionally asked

…What about my, eyes, my lips, my chicks, ears, hairstyle?

…everyone has those, so also you.

Tina laughed a lot getting the answer, interrupting her Rahul said

…ok, you laughed enough, now I have something to ask you?

…yah sure,

…you are such a stupid girl you know?

…why what happened?

…don’t you know that sun rays contain ultraviolet rays and you are drying your hairs under sun rays!!!!

...Then why did not you inform it when i was about to visit? now answer me. 

After a short gap Rahul replied
...actually i forgot it, just remembered few minutes ago.

Then they both laughed out.




Why the memories haunt? Tina was thinking lying in the bed, “if it would be possible to wash away the memories according to your wish then will you delete the memories with Rahul?” she asked herself.







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2019-04-20

Sister, A Competitive One...Half Fiction #BlogchatterA2Z

Exam के बाद सारे Students बस के लिए इंतज़ार कर रहे थे, दो दो Bus एक साथ आ गइ,दोनो बस मे काफि भीड़ थी, कुछ Students पह्लेवाले बस मे किसी तरह चढ़ गये और कुछ तोह दरवाजे पे लट्कने लगे, लिपि पहली बस मे नही चढ़ पाइ, उस्के दोस्त चिल्ला रहे थे
...लिपि दुसरी बस मे जल्दी से चढ़  जा.
दोनो बस एक साथ Bus Stoppage पे पहुंचेथे, पीछलेवाले बस का Conductor सामनेवाले Driver के उपर चिल्ला रहा था
...खुद तो लेट आये अब हमारा Passengers भी ले रहा है, चल जल्दी कर शाले, निकल यहां से...
लिपि भागती हुइ किसि तरह दुसरे बस मे चढ़ गइ और अन्दर घुस गइ

कहां सोचा था सब दोस्तो के साथ एक ही बस मे घर जायेंगे मस्ती करते हुए, चलो अब जल्दी घर पोहुंच जाए तोह अच्छा .बहुत भीड़ थी बस मे, लिपि सोच ही रही थि  शायद एक  सिट मिल जाये, तभि उस्के सामने बैठी Aunty ने कहा
...बेटी मै साममेवाले Stoppage पे उतर जाउंगी, तुम मेरे सीट पे बैठ जाना.
लिपि ने सोचा... कुछ तोह अच्छा हुआ, Stoppage पांच मिनिट के बाद आयेगा.
पांच मिनिट के बाद Stoppage आया और लिपि को सीट मिल गइ, लिपि ने अपने बांये तरफ देखा, एक लड़का खिड़की के पास बैठा था, बाहार का नज़ारा देखने मे मग्न .

थोड़ी देर बाद कुछ  Passengers उतर गए और कुछ लफेंगे लड़क़े लिपि के करीब कर खड़ा हो गया और इस तरह बर्ताव करने लगा जैसे भीड़ मे खड़े होने से दिक्कत हो रही है और इस तरह वोह लड़के लिपि को परेशान करने लगा, तभी खिड़की के पास बैठा लड़के ने लिपि से कहा

...बहन , किया तुम मेरे सिट पे कर बैठोगी ? ये हवाये मुझसे सहा नही जा रहा, ठन्ड लग रही है और खिड़की बन्द कर दुंगा तो घुटन सी लगेगी,बस मे काफी भीड़ है ना .
लिपि राज़ी हो गइ और खिड़की के पास बैठ गइ और वोह लड़का लिपि के सीट मे.
लिपि के दिमाग मे खयाल आया...क्या  इस लड़के से  बात करु, इसने मुझे बहन कहा , और पीछले दस मिनिट से इस्के पास बैठी हूं , कोइ बदतमीज़ी तोह दुर कि बात मुझे घुर के देखा तक नही , चलो बात कर हि लेती हुं , अगर ये भी आखरी Stoppage पे उतरेगा तोह आछा ही होगा, ये लड़के परेशान नही कर पायेगा, चलो पुछ ही लेती हुं .



वोह लड़का आंखे बन्द कर के बैठा था, लिपि ने उसे हल्का सा धक्का दे के पुछा
...आप कहां तक जायेंगे?
लड़के ने जवाब दिया
...आसानसोल
 
लिपि का मन खुशी से डगमगा उठा और कहा
 
...मै भी
लड़के ने मुस्कुराया और पुछा
 
...Student हो? Exam कैसी रही ?
...ठिक ठाक
लड़के ने फीर पुछा
 
...Stream किया है?
...Literature
...Year?
...1st
और फिर बातों बातों में दोनो के ही जान पहचान के कुछ लोग मिल गए, उन्ही लोगो के बारे मे बात चलती रही . उनमें से कुछ common Teachers भी थे जिस्के पास दोनो ने ही Tuition लिया है स्कुल के ज़माने मे .
बातें चल रही थी, तभी लिपि ने पुछा
...आसानसोल मे आप कहा रह्ते है?
...डि. एम Bunglow के दुसरी तरफ जो बड़ी सी गली है उसी के आखरी हिस्से मे हमारा घर है ,और तुम ?
...मनोज किनेमा हल को बांए तरफ रख के अगर चलते जायेंगे तोह सिनेमा हल के बाद दो चार दुकाने है फीर हमारा घर , वैसे मैने आप का नाम नही पुछा
 
...मेरा नाम राहुल सिन्हा है, और तुम्हारा ?
...मे लिपिका चटर्जी .
बातो बातो मे वक़्त कैसे निकल गया दोनो को पता ही नही चला , बस आसानसोल पहुंचने हि वाली थि के बस Tyre Puncture हो गया,Repair होने मे थोड़ा वक़्त लगेगा तोह लगभग सारे Passengers नीचे उतर गए, लिपि और राहुल भी नीचे गया, दोनो खुले मे ठन्डी ठन्डी हवा का मज़ा ले रहे थे तभी राहुल ने पुछा
 
...मुझे लगता है तुम्हे कुछ खाना चाहिए, भुक लगी हो गी शायद, मुझे तो लगी है ज़ोर से, दोपहेर मे Lunch किया था और अब तोह चार घंटे बीत गए
 
लिपि ने कहा
...लेकिन यहाँ खाना कैसे मिलेगा ?



राहुल  दुर एक चाए कि दुकान कि तरफ इशारा करके कहा
 
...वो रही , मै वहा से गरमा गरम समोसे और चाए ले आता हुं .
लिपि ने कहा
...मेरे लिए बस एक हि समोसा ले आना .
तिन चार मिनिट बाद रहुल चाए  और समोसे ले कर वापस गया और दोनो मजे से खाने लगे .
राहुल कि बर्ताव लिपि को बहुत ही अच्छा लग रहा था, वोह सोच रही थी के राहुल को इस बारे मे कहे या ना कहे और आखिरकार उसने कह डाली
...किया मै आपको "दादा" बुला सकती हुं ?
राहुल ने मुस्कुराके जवाब दिया
...हां बिलकुल  
...असल मे मेरा अपना कोइ  भाई नही है, मेरी एक छोठी बहन है
...हा जानता हुं
लिपि थोड़ी हैरानी से पुछा
...तुम जानते हो?  लेकिन मैने तोह नही बताया
राहुल ह्स कर जवाब दिया
...तुमहीने तो बताया है थोड़ी देर पहले, याद नही? जब हम बाते कर रहे थे .
लिपि ने थोड़ा सोचा और कहा
...हां शायद बताया हो गा .

कुछ देर बाद बस ठिक हो गइ और सभी Passengers को लेकर Asansol कि और चला .लिपि ये याद करने कि कौशिस कर रही थी के राहुल को उसने कब अपनी बहन के बारे मे बताया...


दस मिनिट बाद बस आसानसोल पहुंच गया, लिपि और राहुल दोनो बस से उतरे लिपि के दोस्त उसके लिए Bus Stand पे इंतज़ार कर रहे थे, लिपि राहुल को गुड बाइ कहे ने के लिए गया...





शाम  को एक Party का इंतज़ाम किया है सबने मिल कर, Exam के बाद थोड़ी मौज मस्ती तो बनती है ,जगह और वक़्त पहले से ही ठिक था, बस सबने मिलकर Confirm कर लिया और Auto पकर के लिपि घर गइ .
Fresh हो के कुछ खाना खाने के बाद  लिपि चाए का कप ले कर बैठी ही थी के उस्की मा अन्दर आइ, चहरे पे मुस्कुराह्ट थी .
लिपि Curious हो के पुछा
 
...तुम हंस क्युं रही हो? जरुर कोइ बात है?
 
लिपि के मा ने जबाब् दिया
...टिना आइ है
 
लिपि को यकीन नही आया, उसने कहा
...मज़ाक कर रही हो ना ? दिदि आयेगी और आने से पहले मुझे इत्तेला नही करेगी, हो हि नही सकता
 
...सुन मेरे पास बहुत काम पढ़ा है, तेरे साथ मज़ाक करने का वक़्त नही है, पहले बता देती तोह तु खाना खाये बिना बस गप्पे मारती रहती ,यकीन नही आता तो उपर जा के देखले .
...दिदि सच मे आइ है
लिपि खुशी के मारे बिस्तर से एक लम्बी छलांग लगाइ और उपर के तरफ दौरा .
टिना कि चचेरी बहन है लिपि, उमर मे टिना काफी बढ़ी है लिपि से . अपनी छोटी बहन रुमी से भी ज़्यादा लगाव हे लिपि को टिना के साथ ....ऐसा सब कहते है .
दुसरे मंज़िल पे पहुंचते ही एक Idea गया, लिपि दबे पाउ टिना के घर कि और बढ़ने लगा, दरवाज़ा खुला हुआ था लेकिन अन्दर कोइ दिखि नही, घर से होते हुए लिपि धीरे धीरे Balcony कि और गया तभी टिना कि लाल कुर्ती नज़र आइ, लिपि आहिस्ता आहिस्ता टिना के पीछे खड़ी हो गइ और पीछे खड़े  हो के  टिना कि आंखो पे अपना हाथ राख कर  उसे कसकर  पकड़ लिया , टिना को ज़ोर से धक्का लगा और उस्की हाथ से चाए का पीयाला नीचे बागीचे मे गीर गइ, टिना मुस्कुराते हुए जवाब दिया
...येह तो मेरी पियारी सी लिपि के सिबा कोइ हो ही नही सकती

लिपि ने अपना हाथ हठा लिया और टिना उस्के  तरफ मुड़ के उस्के दोनो गालो को दबा दिया और पुछा
...कैसी है?
लिपि थोड़ा गुस्सा दिखा कर पुछा
...तुम आनेवाले हो ये मुझे बताया क्युं नही, जाओ तुम्से बात नही करती...
टिना हंस कर जवाब दिया
...पगली मै आनेवाली हुं ये अगर पहले बता दिया होता तो Exam मे तेरा मन नही लगता, तु ये सोचती रहती के कैसे जल्दी घर जाउ .
...अछा ठिक है वोह सब छोड़ो और बताओ...जिजु नही आए
...नही वो तोड़ा Busy है, अगले शनिबार को आयेंगे
 
...और हमारी छोटी से बन्दरिया इन्दु, वोह कहा है ?

...वोह नीचे नानि के साथ बागीचे मे.
टिना कि एक लौति बेटी है इन्दु, अभी पांच साल की है.
लिपि खुश हो गइ ये सुनके और कहा
...मतलब तुम अभी बिल्कुल फ्री हो, तो चलो मेरा सर दबादो, Exam मे इतना लिखना पड़ा अभी सर दुख रहा है .
लिपि कि इस बात से टिना ज़ोर  से हंस उठी और फीर अपने हातो को दोनो तरफ फैला के कहा
...इतना सारा लिखना पड़ा...
फीर लिपि के गालो को दबा दिया और कहा
...पढ़ाई तो करती नही, दिन भर सिर्फ टीभी देखती रहती है, चाची और मै समझा समझा कर थक गइ
 
लिपि अपने मुह को फुला कर टिना कि और देख रही थी
 
...ठिक है अब और मुह फुलाने की ज़रुरत नही, तेरी येह सब बहाने बचपन से देखती रही हुं .
फीर टिना जाके बिस्तर मे बैठ गइ और लिपि टिना के गौद मे सर रख के लेट गइ और फीर सुरु हुआ इधर उधर कि बाते .
थोड़ी देर बाद बातो बातो मे लिपि ने राहुल ज़िक्र किया
...जानते हो दिदि आज एक अजीब लड़के के साथ मुलकात हुआ
टिना ने पुछा
 
...अजीब सी मतलब????
फीर लिपि ने बस पकड़ने के बाद से लेकर बास से उतरने तक का सारा किस्सा बताया , राहुल का नाम भी बताया ,सब सुनने के बाद टिना ने पुछा
...मुझे तो कुछ भी अजीब नही लगा, हा ये ज़रुर कह सकती है के आजकल लड़को पे यकीन करना बहुत मुशकिल हो गया है और ये लड़का सच मे अछा है...तो अजीब लगेगा ही .
लिपि ने जवाब दिया

 ...नही असल  बात तो मैने तुम्हे अभी तक बताया ही नही
...कौन सी बात ?
लिपि उठ कर बैठ गइ और बताने लगा
...जानते हो, बस से उतरने के बाद जब मै उसे Good Bye कहने गया तोह उसने कुछ ऐसा कहा के मै हैरान और परेशान हो गइ
...किया कहा उसने?


..."वैसे मुझे तुम्हारी मदत नही करना चाहिए था फीर भी कर दिया इंसानियात के खातीर",ये बात सुन कर तो मै हैरान रह गइ और पुछा ..."क्युन नही करना चाहीए था तुमहे मेरी मदत" तब उसने  मुस्कुराके जवाब दिया "क्युं कि कुछ हद तक तुम मेरे Competetor हो, हाला के हम आमने सामने नही हुए, अगर होते तोह बराबरी का टक्कर होता"

ये कहकर मुस्कुराते हुए  चला गया, जब तक मै उस्की बातो को समझ कर कुछ पुछती तब तक वो वहां से जा चुका था और मेरे दोस्त भी मुझे बुला रहे थे...
फीर लिपि चिल्ला उठी
 
...आरे मै तोह भुल ही गइ थी, दोस्तो के साथ आज party का प्लान बनाया था, अभी सब को मना करके आती हुं, जब तक तुम हो, No party, no friends.
ये कहकर लिपि जा ही रही थी के टिना ने कहा
...तु सब्को मना कर दे तब तक मै थोड़ा नहा लेती हुं फीर  नीचे जाउंगी
लिपि सर हिलाया और नीचे चली गइ.






 लिपि के जाते ही टिना बिस्तर से उतरके दरवाज़ा बन्ध कर दिया और धीरे धीरे Balcony मे के खड़ी हो गइ, मन उदास हो गया था...

 कितनी सारी यादे, कितनी सारी बाते, एक अर्सा बीत गए लेकिन सब कुछ आज भी उतना ही ताज़ा है जैसे कल कि बात हो,जब भी टिना माइके आती है तभी यादों का सैलाब सा उठता है,सच मे पागल था राहुल, टिना कि दोस्त भी कहा करते थे..."शायद हि कोइ तुझ्से इतना प्यार करेगा, काश हमारे Boyfriends भी राहुल कि तरह हमारे पीछे पागल होते", उन दिनो टिना बस यही सोचती थी...कोइ किसि से इतना प्यार कैसे कर सकता है? लेकिन मन हि मन बहुत खुश होती थी, इसि लिए जब भी राहुल मिलने कि अर्ज़ी लगाता  था टिना घर से निकलने का कोइ ना कोइ बहाना बना हि लेती थी चाहे कितनी भि मुश्किल क्युं ना हो, एक दिन रात को Phone पे बात करते हुए राहुल ने कहा था ..."काल से दो दिन तक  मेरे दोस्त के घर पे कोइ नही होगा, मै देख भाल करने के लिए वही रहुंगा ,तुम आओगी" टिना थोड़ी हिचकिचा  के कहा था "हा आउंगी" , प्यार कि सुरुआती दिनो की बात है ये फीर भी राहुल पे शक थोड़ा सा भी नही हुआ था, यहां तक की टिना की दोस्तो को भी राहुल के नियत पर थोड़ा सा भी शक नही था, अगले दिन सुबह टिना 7:30 बजे राहुल के दोस्त  के घर पहुंच गयी थी

राहुल ने टिना को बैठने के लिए कहा, टिना सोफे के एक तरफ बैठ गइ और राहुल दुसरी तरफ, फीर दोनो लगभग दो घंटे तक बात करते रहे. करीब दस बजे टिना घर वपास आइ , बहुत ही खुश थी, नाचने का दिल कर रहा था, मन बहुत् रोमांटिक हो गया था, फीर 11:30 मिनिट पर टिना नहाने चली गइ, राहुल ने फीर दोपहर को मिलने के लिए Request किया था, टिना घर पे आते ही बता दिया था के एक दोस्त के घर पढ़ने के लिए दोपहर को जायेगी, नहाते वक़्त टिना को वो बात याद गइ जो राहुल ने पीछली रात फोन पे कहा था, राहुल तो उस बात का ज़िक्र तक नही किया, टिना ने ठिक किया दोपहर को वो बात मै ही छेड़ुंगी .


लगभग ढाइ बजे टिना पहुंच गइ, फीर वोही सोफे के दो तरफ  दोनो बैठे थे, थोड़ी देर बाद टिना ने पुछा
...काल फोन पे तुमने जो बात कही थी उसका ज़िक्र तक नही किया
राहुल ने पुछा


...कौन सी बात ?
...वोही, मेरे गौद पे लेटने की बात
 
ये सुनते ही डर  के मारे राहुल का मुह लाल पिला हो गया, टिना ने मुस्कुराके कहा
...जब भी तुम मेरे साथ रहते हो इतना डर क्युं रहता है तुम्हारे चेहरे पे?
राहुल की चेहरे पे एक घबराहट थी , उसने  थोड़ा पानी पिया और धीरे धीरे कहा
...पता नही...असल मे मै तुम्हे खोना नही चाहता
 
येही बात राहुल की टिना को बहुत अच्चा लगता है...एक सरलता है, एक सादगी है और सबसी बड़ी बात एक बच्चो जैसी मासुमियत है, जब राहुल टिना के पास होता है तो उसे देख के कोइ ये यकीन नही करेगा के लड़का कोलेज मे( 1st year) पढ़ता  है और काफी गुस्सेवला और ताक़तवर है . टिना को जब भी राहुल देखता था तो टिना को लगता था जैसे कोइ बच्चा बड़ी हैरानी से उसे देख रहा है . फोन पे तोह इतनी सारे बाते किया करता था राहुल और बच्चो जैसी ज़िद भी लेकिन टिना के सामने बिल्कुल खामोश
 
उस दिन टिना ने जवाब दिया था
 
...जानती हु, तुम्हारे दिल मे यही डर रहता है के अगर मै तुम्हे गलत समझा तो, अगर मै तुमपे गुस्सा हो गइ तो, तुम्हारा साथ छोड़ दिया तो, तो तुम अच्छी तरह से सुनलो के मै तुम्हरा साथ कभी नही छोड़ुंगी , चाहे कुछ भी हो जाये तुम हमेशा मुझे अपने पास पाउगे

 
येह सुनने के बाद राहुल के चेहरे पे जो खुशी थी वोह आज भी याद है टिना को ...
फीर टिना ने पुछा था
 
...तुम जो मेरे गोद पे सर रख के लेट की बात कर रहे थे, उस्का किया हुआ?
राहुल डर के मारे कहने लगा  
...नही सोना है मुझे, ऐसी बाते करना शायद ठीक नही, तुम गुस्सा मत होना, मुझे गलत मत समझना
 
राहुल के चेहरे पे जो डर था वो टिना बा-खुबी पढ़ सकती थी, उसने मुस्कुराके कहा था
...तुम सोगे तो अछा लगेगा वरना मै रुठ जाउंगी
 
डेर घंटे तक राहुल टिना के गोद पे सोया था और बहुत सारे बाते कर रहा था, डेर घंटे बाद टिना ने कहा
...अब मुझे घर जाना है
राहुल इतनी प्यार से Request किया था आधे घंटे और रहने  के लिए के  टिना मना नही कर पाइ. फीर आधे घंटे बाद टिना ने कहा
...अब मुझे जाना हि होगा
 
बार बार समझाने के बाद भी राहुल ज़िद करता रहा था ,तब टिना ने राहुल को कहा था
...तुम ना बिल्कुल लिपि और रुमि जैसा ज़िद कर रहे हो, वोह दोनो भी आपस मे लड़ती रहती है के कौन मेरे गौद पे सोयेगा और एक बार सो जाए तो मुझे छोड़ती हि नही .
राहुल ने पुछा था
 
...अगर मै और लिपि दोनो ज़िद करे तो तुम किसे गोद पे सोने दो गे?
टिना मुस्कुरा के जवाब दिया था
...Obviously लिपि को, वोह अभी आट साल कि बच्ची है और तुम तो बड़े हो .


वक़्त के साथ साथ कितना कुछ बदल जाता है, बदलता नही तो कुछ लोगो कि अन्दाज़--मोहब्बत , टिना भी वक़्त के साथ साथ अपने गम अपने आंसु को छुपाना सिख लिया है लेकिन फीर भी आज टिना कि आंखो से आंसु निकल आये, उस्के गालो से बहते हुए दो बुन्द आंसु नीचे जा के टुटी हुइ पियाले के उपर गीरा . जानती है टिना के राहुल आज भी उसे उतना ही चाहता है जितना पहले चाह्ता था...


शाम ढल रहा था, लोग अपने घरो मे बत्तिया जला रहे थे, किया सच मे... सुरज की रौशनी कि कमी को ये बत्तियो की रौशनी से पुरा किया जा सकता है ? क्या पता...