Mohabbat

"Mohabbat bhi Zindagi ki tarah hoti hai
Har mod asaan nehi hota, har mod pe khushiya nehi milti.
Jab hum zindagi ka saath nehi chhodte toh
Mohabbat ka saath kyun chhode??
---Mohabbatein
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2018-12-21

"Chilman"...What i Realized Today Evening

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पुरा का पुरा खेल जो है “चिलमन” शब्द से शुरु हुआ...

तिन दिन पहले कि बात है मैने एक शेर लिखा था...

तेरे पल्को के चिलमन मे अपना घर बसाऊं
तु झुकाए नज़रे और      
रात के साये मे मै चैन से सो जाऊं

 
तोह, उस दिन से ये “चिलमन” शब्द कान में गुंज रहा था के इस शब्द के साथ मेरा कुछ खास रिश्ता है , फिर काल रात कि बात है, एक शायरी सुनी मैने ,तब से दिमाग मे चल रहा है ...पक्का इस शब्द के साथ कोइ गहरा रिश्ता है मेरा लेकिन याद नही आ रहा था.

आज सुबह चाए पीते पीते मेरी बहन से पुछा...”चिलमन” शब्द को लेकर कोइ गाना है किया? 

तोह मेरी बहन ने सिर्फ गाना ही नही गाने का बोल, Actors का नाम् और मुभी का नाम भी बता दिया लेकिन मुझे कुछ भी याद नही आ रहा था , फिर शाम को जब मैने Computer on किया तोह सबसे पहले YouTube मे वोह गाना  search किया और जब वोह गाना बजने लगा तोह मै हैरान रह गया येह देखके ...के गाने का सुर और हर एक बोल , जी हां, हर एक बोल मुझे याद है . ये रहा वो गाना...



        
            



मै ये गाना सुनते सुनते सोच रहा था के इस गाने को मै भुल कैसे सकता हूँ ...जब येह मुभी Release हुइ थी तब से लेकर लगभग दो साल से ज़्यादा वक़्त तक येह गाना हर रोज़ सुनाथा मैने, फिर बहुत सारे कारन के चलते इस गाने से मेरा रिश्ता टुट गया था, देखते देखते दश साल से भी ज़्यादा वक़्त गुजर गया इस गाने को सुने बिनाI

आज एह्सास हुआ के दिल से किया गया काम कभी भुलाया नही जा सकता,चाहे वोह कुछी महिनो का प्यार हो या फिर कोइ गाना जो दिल से पसन्द आया था, इस बारे मे कहे तोह मयुर पुरी साब ने किया खुब कहा है ( Movie…Kick, Singers…Neeti Mohan and Sallu Bhai)

“एक पल प्यार का ज़िन्दगी से बड़ा
ऐसा मेरे खुदा क्युन है ? “


“चिलमन” शब्द को लेकर जो गाना है उसका हर एक लाइन मुझे बहुत पसन्द है लेकिन सबसे खास पसन्द है ...


“मेरी किस्मत मे तुम नही फिर भी
मुझ्को अपना नसीब लगते हो “


तोह, येह है आज शाम की बाते, जो मैने मेहसुस किया और तुरंत लिख दिया.
कुछ पुरानी बाते भी याद आ गइ...

वैसे ये अगर मेरी बहन को कहता तोह वोह कहती...”भुला ही था कब तु ????????”


तोह, उसी पुरानी बातो पे दिल ने एक शायरी बना दिया, जी हां, दिल ने लिखा है, मैने पहली भी कहा है 

“बदनाम ना करो शायरो को...
मुझे “शायर” कहके
शायरी करना तोह एक हुनर है
मुझे तोह बस दिल के कुछ अल्फाज़ लिखबना आता है “


तोह, आज शाम दिलने जो लिखा वोह अर्ज़ करने है, ज़रा गौर फरमाइयेगा

छेड़ा है साज़ मौसम ने मोहब्बत का
तोह तराने कुछ पुरानी याद आ गइ
उनकी आवाज़,उनकी बाते
ज़ुल्फो को लहराना उनका
चलते चलते मुड़के देखने का
वोह सुर याद आ गइ

वैसे, हमारे यहां मौसम बहुत ही Romantic है, उपर से आज शाम की एहसास...शायरी बन ही जाती है जब दिल तनहा हो....





 

 

2018-12-11

Haal-e-Dil


परेशान है दिल उनका
वक़्त भी बे-वफा
रोके से भी रुकते नही आंसु
हालात कुछ खफा खफा I

उलझने ज़िन्दगी की एक ना-उम्मीदी सी लाइ है
नये सपने बुनने कि एक मुश्किल घड़ी आइ है
कुछ कहती नही वोह
खामोशी का दौर है
आद्त से चल रही है ज़िन्दगी
जिम्मेदारीयां तोह निभानी है I

पास वोह मेरे नही दुरिय़ां बहुत है
दिल का हाल पढ़ने के लिए
क्या करीब रहना ज़रुरी है ???

मिटातो नही सकते गम् उनके ज़िन्दगी से
लौटा भी नही सकते उसने जो खोया है
बस उनका दर्द बांटना है
हम-दर्द बनके ताउम्र साथ निभाना है I

कोइ तोह पहुंचा दो मेरे दिल का पैगाम उन तक
हमारी तोह हर एक कोशिश ना-कामयाब रही है II


मुस्कुराहट तोह है उनके लबो पे
दुनीयादारी जो निभानी है
हमे तोह बस उनहे
दिल से हंसता हुआ देखना है
गुनगुना उठे वोह अपनी पसंद कि धुन मे
उनकी आंखो मे वोह रौनक लौट आए

खिल उठे छोटी छोटी बातो मे पहले कि तरह
उनके आवाज़ मे वोह जान लौट आए
 


हा मानता हूँ देखा है बस कुछ् ही बार उन्हे
पर उनकी जो एक तस्बीर है मेरे पास
उसे लाख बार देखा है
किस्से उनकी और आवाज़ भी
बहुत बार सुने है I

कब हुआ मोहब्बत येह पताही नही चला
एह्सास् तोह तब हुआ
जब आंसु निकली उनकी अंखो से और दर्द इस दिल को हुआ
अब तोह वक़्त आ गया के हाल-ए-दिल बताना है
कोइ तोह पहुंचा दो मेरे दिल का पैगाम उन तक
हमारी तोह हर एक कोशिश ना-कामयाब रही है I










2018-12-09

काश...




काश मै हवा का झोंका होता
तेरी आसमानी दुपट्टा को छु के
तेरी खुशबु से काएनात को मेहका देता I

काश मे सुरज का किरन होता
खिड़्कि के पास् खड़ी तु अपनी तस्वीर खिचती और
तेरे होठो कि मासुमियत को मै मेहसुस करता I

देखा तेरे धुल से लिपटी पैरो को तोह आरज़ु दिल मे जगा
के काश मे मिट्टी मे पड़ा वोह धुल होता
तेरे पैरो से लिपट के कुछ वक़्त तेरे आघोश मे होता I




काश काश मे तेरा पसंदीदा झुमका होता
तु खरीदती मुझे और मे हमेशा के लिए तेरा हो जाता

दिल तो चाहता है तेरे पसंद का दुपट्टा बन जाउं
तेरे सीने पे रख के सर सुबह से शाम बीताउ






या बन जाउ तेरे सारी का आंचल
तु पकड़े मुझे हाथ से और चुपके से तेरे हाथों को चुम जाउं 

या फिर बन जाउ  हाथो के कंगन तेरे...
तु खनके मुझे और मे खुशी से झुम जाउं 


जानता हु मुमकिन नही,
ये सब तोह दिल कि खयालात है
मुमकिन है के आसमान का तारा बन जाउं,
तु याद करे या ना करे
तुझे हर पल बस यु ही देखता रहु II


काश ये सब सपने पुरे ना हो
खुदा मुझपे मेहेरबा हो जाए
और हम एक दुसरे के बनके सातो जनम नही
लाखो जनम बिताए II